इसे आप एक व्यक्ति, एक ग्रुप या समुदाय विशेष तक सिमित कर सकते है. २॰ “ऐं पिन्स्थां कलीं काम-पिशाचिनी शिघ्रं ‘अमुक’ ग्राह्य ग्राह्य, कामेन मम रुपेण वश्वैः विदारय विदारय, द्रावय द्रावय, प्रेम-पाशे बन्धय बन्धय, ॐ श्रीं फट्।” However, if you are trying to employ it for evil reasons, you https://fernandofbvpi.activosblog.com/31628242/fascination-about-shabar-mohini-vashikaran