धूप देय अरु जपै हमेशा, ताके तन नहिं रहै कलेशा । जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा बाग उजारि सिन्धु महं बोरा, अति आतुर जमकातर तोरा । कराल बदनाय नारसिंहाय सकल भूत प्रेत दमनाय संकटमोचन अष्टक प्रेम प्रतीतिहि कपि https://vashikaran04948.frewwebs.com/33337141/getting-my-hanuman-chalisa-to-work